नदी से यक्ष प्रश्न


कँहा है ब्रम्ह नदी का छोर
सुदूर पूर्व क्षितिज के पार
ब्रम्ह नदी जो मेखलाओ
से निकलता
तराई में दनदनाता
भीषण उतपात करता हुआ
सागर में समाता
अपने अस्तित्व को करता नेस्तनाबूद

जो मिलना था सागर में
तो इतना उन्माद क्यों
लोगों के जीवन में इतना विषाद क्यों

शांत चित्त बहते हुए
क्या किया किसी डूबते को पार
क्या मिला मिट्टी गारा में
बनाया किसी का घर संसार

जो सागर ही होना था
तो क्यों ना कूदा सीधे मेखलाओ से
मानवता को रखता दूर अपने आपदाओं से

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